कार्यस्थलों से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित अपने घरों तक पहुंचने के लिए पैदल चल रहे प्रवासी मजदूरों के दृश्य हमें आज भी परेशान कर रहे हैं। एक तस्वीर में, हालांकि, इस कलाकार को आशा और मानवता की भावना ज़रूर दिखाई दी
लाबनी जंगी साल 2020 की पारी फ़ेलो हैं. वह पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले की एक कुशल पेंटर हैं, और उन्होंने इसकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल की है. लाबनी, कोलकाता के 'सेंटर फ़ॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़' से मज़दूरों के पलायन के मुद्दे पर पीएचडी लिख रही हैं.
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Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।