लिफाफा-कारीगर-मन-के-खटत-जिनगी

Ahmedabad, Gujarat

Mar 04, 2023

लिफाफा कारीगर मन के खटत जिनगी

अहमदाबाद के जुन्ना सहर इलाका मं लिफाफा बनेइय्या कारीगर दिन भर खटत रहिथें. वो मन कागज ला काट थें. ओकर सिलवट ला सोझ करथें अऊ वोला मोड़ के चउकोन रूप-अकार देथें. वो मन भारी कम रोजी मं अऊ कतको दिक्कत वाले हालत मं ये बूता करथें

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Author

Umesh Solanki

उमेश सोलंकी अहमदाबाद के एक फोटोग्राफर, डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता अऊ लेखक आंय, वो ह पत्रकारिता मं मास्टर डिग्री हासिल करे हवंय. वो ला घुमंतू जिनगी ले मया हवय. ओकर कविता के तीन प्रकाशित संग्रह हवंय. एक कविता उपन्यास, एक उपन्यास अऊ गैर-कथा संग्रह हवय.

Editor

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पंड्या पारी मं वरिष्ठ संपादक हवंय, वो ह पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग के अगुवई करथें. वो ह वह पारी भाषा टीम के सदस्य घलो आंय अऊ गुजराती मं कहिनी मन के अनुवाद अऊ संपादन करथें. प्रतिष्ठा गुजराती अऊ अंगरेजी के कवयित्री आंय.

Photo Editor

Binaifer Bharucha

बिनाइफ़र भरूचा मुंबई मं बसे एक स्वतंत्र फ़ोटोग्राफ़र आंय, अऊ पारी मं फ़ोटो संपादक हवंय.

Translator

Nirmal Kumar Sahu

निर्मल कुमार साहू पारी के छत्तीसगढ़ी अनुवाद संपादक आंय. पत्रकार अऊ अनुवादक के रूप मं वो ह छत्तीसगढ़ी अऊ हिंदी दूनों भाखा मं काम करत हवंय. निर्मल ला छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाचार पत्र मन मं तीन दसक के अनुभव हवय अऊ वो ह ये बखत देशडिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक हवंय.