‘मुझे फिर कभी भारत के लिए खेलने का मौक़ा नहीं मिला'
बोनी पाल को उनकी इंटरसेक्स विविधताओं के कारण अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल खेलने की अनुमति नहीं थी. राष्ट्रीय इंटरसेक्स मानवाधिकार दिवस के मौक़े पर 22 अप्रैल को उन्होंने अपनी पहचान और संघर्षों के बारे में बात की
रिया बहल, मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट हैं और जेंडर व शिक्षा के मसले पर लिखती हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया (पारी) के लिए बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर काम कर चुकी हैं और पारी की कहानियों को स्कूली पाठ्क्रम का हिस्सा बनाने के लिए, छात्रों और शिक्षकों के साथ काम करती हैं.
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Shobha Shami
शोभा शमी दिल्ली में काम करने वाली एक मीडिया प्रोफ़ेशनल हैं. वह लगभग 10 सालों से देश-विदेश के अलग-अलग डिजिटल न्यूज़ रूम्स में काम करती रही हैं. वह जेंडर, मेंटल हेल्थ, और सिनेमा आदि विषयों पर विभिन्न वेबसाइट्स, ब्लॉग्स, और सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स पर लिखती हैं.