इस शृंखला के तहत पूरे भारत के अलग-अलग इलाक़ों से स्टोरी/रपटें तैयार की गई हैं, जिन्हें पारी आपके लिए लेकर आया है. इस शृंखला में महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को व्यापक स्तर पर कवर किया गया है. मसलन, मां न बन पाने को लेकर बदनाम किया जाना, महिला नलबंदी पर ज़ोर, परिवार नियोजन में ‘पुरुषों के भागीदारी’ में कमी, अपर्याप्त ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणालियां (तमाम समुदायों/लोगों को तो ये अपर्याप्त सुविधाएं भी नहीं मिल पातीं), अयोग्य चिकित्सक और बच्चों की जोख़िम भरी डिलीवरी, माहवारी के कारण भेदभाव, और संतान के रूप में बेटों को वरीयता देने जैसे मुद्दे इस शृंखला में शामिल किए गए हैं. इन स्टोरीज़ में स्वास्थ्य संबंधी पूर्वाग्रहों और कुप्रथाओं, लोगों और समुदायों, जेंडर (लिंग) और अधिकारों, और ग्रामीण भारत की महिलाओं के रोज़मर्रा के संघर्षों व बेहद कभी-कभार मिलने वाली छोटी-छोटी जीतों के किस्सों को जगह दी गई है