‘बीड के प्रवासी मज़दूर: हम वापस शहर नहीं जाना चाहते’
पिछले साल अचानक लगाए गए लॉकडाउन के बाद, मजबूरी में घर लौटे बीड ज़िले के प्रवासी कामगार अब भी नुक़्सान और ट्रॉमा से उबरने की कोशिश कर रहे हैं. उनमें से बहुतों को कम काम और कम आमदनी के साथ समझौता करना पड़ा है
पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.
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Surya Prakash
सूर्य प्रकाश एक कवि और अनुवादक हैं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में पीएचडी लिख रहे हैं.