बिलकिस-बानो-इंसाफ़-हुआ-क़त्ल-और-आज़ाद-हुए-क़ातिल

Gandhinagar, Gujarat

Aug 24, 2022

बिलकिस बानो: इंसाफ़ हुआ क़त्ल और आज़ाद हुए क़ातिल

इंसाफ़ हासिल करने की ख़ातिर लड़ रही एक अकेली औरत का दर्दअंगेज़ संघर्ष, और साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान उनका बलात्कार करने वाले 11 दोषियों की माफ़ी नीति के तहत जेल से हालिया रिहाई का मसला इस कविता के केंद्र में है

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Poem

Hemang Ashwinkumar

हेमंग अश्विनकुमार, गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा के कवि, कथाकार, अनुवादक, संपादक, और आलोचक हैं. उनके द्वारा अनूदित अंग्रेज़ी किताबों में पोएटिक रिफ्रैक्शंस (2012), थर्स्टी फ़िश एंड अदर स्टोरीज़ (2013) शामिल हैं, वहीं उन्होंने एक गुजराती उपन्यास वल्चर्स (2022) का अनुवाद किया है. इसके अलावा, उन्होंने अरुण कोलटकर के काला घोड़ा पोयम्स (2020), सर्पसत्र (2021) और जेजुरी (2021) नामक कविता संकलनों का भी गुजराती में अनुवाद किया है.

Illustration

Labani Jangi

लाबनी जंगी साल 2020 की पारी फ़ेलो हैं. वह पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले की एक कुशल पेंटर हैं, और उन्होंने इसकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल की है. लाबनी, कोलकाता के 'सेंटर फ़ॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़' से मज़दूरों के पलायन के मुद्दे पर पीएचडी लिख रही हैं.

Editor

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.

Translator

Devesh

देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.