बस्तर-बांस-के-बंदूक-से-भगवान-की-सलामी

Bastar, Chhattisgarh

Nov 29, 2022

बस्तर: बांस के बंदूक से भगवान की सलामी

छत्तीसगढ़ में आयोजित वार्षिक गोंचा पर्व में, स्थानीय आदिवासी समुदाय अनूठे ढंग से अपने भगवान को सलामी पेश करते हैं

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Author

Thamir Kashyap

छत्तीसगढ़ के थमीर कश्यप एक रिपोर्टर, डाक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफ़र और फ़िल्ममेकर हैं. वह राज मुरिया आदिवासी समुदाय से ताल्लुक़ रखते हैं, और उन्होंने दिल्ली में स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान से रेडियो व टीवी जर्नलिज़्म में पीजी डिप्लोमा किया है.

Photographs

Vijaya Laxmi Thakur

विजया लक्ष्मी ठाकुर एक फ़ोटोग्राफ़र हैं और छत्तीसगढ़ में रहती हैं.

Editor

Priti David

प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.