दिनकर-आईवले-की-मेहनत-से-बनी-ढेरों-बांसुरी

Kolhapur, Maharashtra

Mar 07, 2021

मुश्किलों के कोलाहल में मद्धम पड़ रही है ज़िंदगी की धुन

महाराष्ट्र के कोडोली गांव के मास्टर शिल्पकार और संगीतकार दिनकर आइवले, बांसुरी बनाने का हुनर साधने में अपनी ज़िंदगी के 1.5 लाख घंटे ख़र्च कर चुके हैं; लेकिन, लॉकडाउन और अन्य मुश्किलों के कारण शिल्प और संगीत, दोनों ही चुनौतियों का सामना कर रहे हैं

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Author

Sanket Jain

संकेत जैन, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहने वाले पत्रकार हैं. वह पारी के साल 2022 के सीनियर फेलो हैं, और पूर्व में साल 2019 के फेलो रह चुके हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।