गांव-का-लगभग-हर-व्यक्ति-जा-चुका-है

Beed, Maharashtra

May 07, 2018

‘गांव का लगभग हर व्यक्ति जा चुका है’

मराठवाड़ा के बीड के गांवों में बूढ़े लोग हर साल अक्टूबर से मार्च तक अकेले रहने के आदी हो चुके हैं, जब उनके परिवार वाले गन्ने के खेतों में काम करने के लिए प्रवास करते हैं – पूरे इलाके को वीरान और सुनसान करके

Translator

Qamar Siddique

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

Parth M.N.

पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।