गुजरात में हलारी गधे का दूध जब 7,000 रुपये प्रति लीटर बिका, तो लोगों में इस पशु की घटती नस्ल की व्यावसायिक क्षमता को लेकर अटकलें शुरू हो गईं। पारी ने गधे की इस प्रजाति और इसके प्रजनकों की वास्तविकताओं की पड़ताल की
रितायन मुखर्जी, कोलकाता के फ़ोटोग्राफर हैं और पारी के सीनियर फेलो हैं. वह भारत में चरवाहों और ख़ानाबदोश समुदायों के जीवन के दस्तावेज़ीकरण के लिए एक दीर्घकालिक परियोजना पर कार्य कर रहे हैं.
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Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।