‘कीटों को मारने के लिए मिट्टी को ज़हर की ज़रूरत नहीं होती’
ओडिशा के केरंदीगुडा गांव में, लोकनाथ नौरी और उनके बेटे महेंद्र अपने खेत पर किसी भी रासायनिक उर्वरक या कीटनाशकों का उपयोग नहीं करते, और खेती के पारंपरिक तरीकों से अविश्वसनीय किस्म की फसलें उगाते हैं
अजीत पांडा, ओडिशा के खरियार शहर में रहते हैं. वह 'द पायनियर' के भुवनेश्वर संस्करण के लिए नुआपाड़ा ज़िले के संवाददाता के तौर पर कार्यरत हैं. इसके अलावा, वह तमाम अन्य प्रकाशनों के लिए स्थाई कृषि, आदिवासियों के भूमि व वन अधिकारों, लोक गीतों और त्योहारों के विषय पर लगातार लिखते रहे हैं.
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Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।