करघा-ही-मेरा-प्यार-है-यही-मेरी-विरासत-है

Leh, Jammu and Kashmir

Dec 14, 2021

‘करघा ही मेरा प्यार है, यही मेरी विरासत है’

लद्दाख के स्रेमो गांव के सेरिंग आंगचुक जब खेत में काम नहीं करते, तो वह अपने करघे के साथ 'स्नांमबू' नामक ऊनी कपड़े को बुनने के लिए दूसरे गांवों में जाते हैं

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Author

Stanzin Saldon

स्टैंज़िन सैल्डॉन, लेह (लद्दाख) की रहने वाली हैं और साल 2017 की पारी फ़ेलो हैं. वह पिरामल फ़ाउंडेशन फ़ॉर एजुकेशन लीडरशिप के स्टेट एजुकेशनल ट्रांस्फ़ॉर्मेशन प्रोजेक्ट की क्वालिटी इंप्रूवमेंट मैनेजर हैं. वह अमेरिकन इंडिया फ़ाउंडेशन की डब्ल्यूजे क्लिंटन फ़ेलो (2015-16) रह चुकी हैं.

Translator

Vasundhra Mankotia

वसुंधरा मनकोटिया ने हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय से जर्नलिज़्म और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. प्रिंट मीडिया में तीन साल तक सब-एडिटर की भूमिका में काम करने के बाद, वह अब बतौर फ़्रीलांस पत्रकार काम कर रही हैं.