कच्छ-के-ऊंट-चरवाहेः-लॉकडाउन-में-आख़िरी-सहारा

Kachchh, Gujarat

May 06, 2020

कच्छ के ऊंट चरवाहेः लॉकडाउन में आख़िरी सहारा?

यदि आप ख़ानाबदोश पशुपालक हैं और जानवरों के विशाल झुंडों के साथ अपने घर से काफ़ी दूर हैं, तभी कोविड-19 लॉकडाउन की घोषणा हो जाती है, तब क्या होगा? गुजरात के कच्छ जिले में रहने वाले फ़क़ीरानी जाट अपनी कहानी बयान कर रहे हैं

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Author

Ritayan Mukherjee

रितायन मुखर्जी, कोलकाता के फ़ोटोग्राफर हैं और पारी के सीनियर फेलो हैं. वह भारत में चरवाहों और ख़ानाबदोश समुदायों के जीवन के दस्तावेज़ीकरण के लिए एक दीर्घकालिक परियोजना पर कार्य कर रहे हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।