भुलगढ़: ‘भाषा के बारे में सोचे के समय केकरा लगे बा’
महाराष्ट्र के यवतमाल में कोलाम आदिवासी कपास किसानन के समुदाय कोलामी बोलेला, एगो अइसन भाषा जे खतम होखे के संकट से जूझ रहल बा. पारी के लुप्तप्राय भाषा प्रोजेक्ट (ईएलपी) खास तौर से कमजोर आदिवासी समूह (पीवीटीजी), उनकर रोजी-रोटी आउर भाषा के चुनौती पर बारीक नजर डाल रहल बा
ऋतु शर्मा पारी में लुप्तप्राय भाषा के कंटेंट एडिटर के रूप में काम करेली. इहां के भाषा विज्ञान में परास्नातक हईं आ भारत में बोले जाए वाली भाषा के संरक्षण आ पुनर्जीवन के दिशा में काम कईल चाहेली.
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Sanviti Iyer
संविति अय्यर पारी में कंटेन्ट कोऑर्डिनेटर हई. उहां के गांव-देहात से जुड़ल मसला पर रिपोर्ट तइयार आउर डॉक्यूमेंट तइयार करे में छात्र लोग के मदद खातिर सक्रिय बानी
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Priti David
प्रीति डेविड पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया में पत्रकार बारी. ऊ पारी के एजुकेशन एडिटर भी हई. प्रीति मास्टर लोगन संगे मिलके, गांव-देहात के सवाल के क्लासरूम आउर पाठ्यक्रम में जगह दिलावे के काम करेली. इहे ना, उहां के नया उमिर के लोग संगे मिलके हमनी के बखत के मुद्दा के दस्तावेजीकरण भी करेनी.