रेगिस्तान में प्यार का मौसम
कच्छी लोकगीत - जिसमें प्यार है, बरसात है, और बेक़रारी है
15 जुलाई, 2023 | प्रतिष्ठा पांड्या
घर के बैरी
कच्छ की एक युवती की उदासियों को बयान करता लोकगीत, जो शादी के बाद अपने परिवार से बिलगाव महसूस करने लगी है
21 जून, 2023 | प्रतिष्ठा पांड्या
कच्छ में आस्था और सद्भाव की मीनारें
यहां प्रस्तुत गीत एक ऐसे इलाक़े का लोकगीत है जिसने क्षेत्र में तमाम राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद संगीत, वास्तुकला और संस्कृति की समन्वयात्मक परंपराओं को बचाए रखा है. भक्ति-भावना को अभिव्यक्त करते इस गीत में रेगिस्तान की अनूठी महक भी मिलती है
25 मई, 2023 | प्रतिष्ठा पांड्या
घर के आंगन से बिछड़ने का दुःख
शादी के बाद अपने माता-पिता के घर से विदा हो रही एक युवती की भावनाएं इस कच्छी गीत में व्यक्त होती हैं
14 मई, 2023 | प्रतिष्ठा पांड्या
जहां महिलाएं आज़ादी के गीत गाती हैं
इस लोकगीत में कच्छ की ग्रामीण महिलाएं संपत्ति में बराबर हिस्से के लिए आवाज़ उठा रही हैं
8 अप्रैल, 2023 | प्रतिष्ठा पांड्या
कच्छ: एक झील का किनारा और बिछड़े प्रेमी
भुज की पृष्ठभूमि पर आधारित कच्छ के इस लोकगीत में प्रेम और तड़प की धुन सुनाई देती है. पारी पर उपलब्ध कच्छ के लोकगीतों की शृंखला की ये दूसरी कड़ी है
25 फ़रवरी, 2023 | प्रतिष्ठा पांड्या
कच्छ का मीठा पानी: रण के लोकगीत
गुजरात के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र का एक लोकगीत, जो कच्छ के जनजीवन और संस्कृति की ख़ुश्बू बिखेरता है
6 फ़रवरी, 2023 | प्रतिष्ठा पांड्या