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Ranchi, Jharkhand

Aug 09, 2024

'अपन भाखा ला नंदावत देख भारी पीरा होथे'

झारखंड के परहिया, माल पहाड़िया अऊ सबर आदिवासी समाज अपन नंदावत जावत महतारी बोली ला बचाय बर बियाकरन के किताब लिखत हवंय अऊ बुनियादी रूप ला तियार करे बर अपन बोले के तरीका के सहारा लेवत हवंय. विश्व आदिवासी दिवस मं पारी के ‘नंदावत जावत भाखा परियोजना’ के तहत लिखे गे एक ठन कहिनी

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Author

Devesh

देवेश कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, अऊ अनुवादक आंय. वो ह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हवंय अऊ ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ के घलो काम करथें.

Editor

Ritu Sharma

रितु शर्मा पारी मं नंदावत जावत भाखा मन के कंटेंट एडिटर आंय. वो ह भाषाविज्ञान मं एमए करे हवंय अऊ वो ह भारत मं बोले जवेइय्या भाखा मन ला बंचा के रखे अऊ जियांय के डहर काम करे ला चाहत हवंय.

Translator

Nirmal Kumar Sahu

निर्मल कुमार साहू पारी के छत्तीसगढ़ी अनुवाद संपादक आंय. पत्रकार अऊ अनुवादक के रूप मं वो ह छत्तीसगढ़ी अऊ हिंदी दूनों भाखा मं काम करत हवंय. निर्मल ला छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाचार पत्र मन मं तीन दसक के अनुभव हवय अऊ वो ह ये बखत देशडिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक हवंय.