कोल्हापूर एक पुरोगामी शहर म्हणून ओळखलं जातं. शाहू, फुले आणि आंबडेकरांच्या विचारांचा मोठा वारसा या क्षेत्राला लाभला आहे. आणि हा पुरोगामी वारसा जतन करण्यासाठी आजही इथले लोक जाती-धर्माच्या भिंती तोडत आहेत. वेगवेगळ्या संस्कृतीच्या लोकांमध्ये एकमेकांप्रती आदर आणि मैत्री फुलावी यासाठी काम करत आहेत.

पण जाती-धर्मांमध्ये समन्वय घडवून आणणाऱ्या या विचारांच्या अगदी विरोधात काम करणाऱ्या धर्मांध विचारांचं मोठं आव्हान उभं राहू लागलं आहे. विचारांचा प्रतिवाद विचारांनीच केला पाहिजे. तारदाळचे शरफुद्दिन देसाई आणि सुनील माळी यांच्यासारखे भले लोक आज समाजात सलोखा रहावा यासाठी मोठं काम करत आहेत.

कोल्हापूर जिल्ह्याच्या तारदाळचे रहिवासी असलेले देसाई आणि माळी एका वेगळ्या वाटेने निघाले आहेत. शरफुद्दिन देसाईंनी हिंदू गुरू केला आहे तर सुनील माळी मुस्लिम गुरूचे मुर्शीद झाले आहेत.

फिल्म पहाः बंधुभाव

Jaysing Chavan

জয়সিং চভন কোলাপুর-কেন্দ্রিক ফ্রিলান্স ফটোগ্রাফার ও চিত্রনির্মাতা।

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Text Editor : PARI Desk

আমাদের সম্পাদকীয় বিভাগের প্রাণকেন্দ্র পারি ডেস্ক। দেশের নানান প্রান্তে কর্মরত লেখক, প্ৰতিবেদক, গবেষক, আলোকচিত্ৰী, ফিল্ম নিৰ্মাতা তথা তর্জমা কর্মীদের সঙ্গে কাজ করে পারি ডেস্ক। টেক্সক্ট, ভিডিও, অডিও এবং গবেষণামূলক রিপোর্ট ইত্যাদির নির্মাণ তথা প্রকাশনার ব্যবস্থাপনার দায়িত্ব সামলায় পারি'র এই বিভাগ।

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Translator : Medha Kale

পুণে নিবাসী মেধা কালে নারী এবং স্বাস্থ্য - এই বিষয়গুলির উপর কাজ করেন। তিনি পারির মারাঠি অনুবাদ সম্পাদক।

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