रहनुमाओं व समंदर की मंझधार में फंसे नोचिकुप्पम के मछेरे
चेन्नई के नोचिपुक्कम के मछुआरे समुद्र तट - जहां वे लंबे समय से मछलियां बेचते रहे हैं - से थोड़ी दूर एक घरेलू बाज़ार में जबरन भेजे जा रहे हैं. लेकिन मछुआरा समुदाय इन कोशिशों का विरोध कर रहा है, क्योंकि यह उनके रोज़गार की सुरक्षा और पहचान से जुड़ा मसला है
दिव्या कर्नाड एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार-प्राप्त मरीन भूगोल शास्त्री और संरक्षणवादी हैं. वे ‘इनसीज़न फिश’ की सह-संस्थापक भी हैं. उन्हें लिखना और रिपोर्टिंग करना प्रिय है.
Photographs
Manini Bansal
मानिनी बंसल एक बेंगलुरु निवासी विज़ुअल कम्युनिकेशन डिज़ाइनर और फ़ोटोग्राफ़र हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे डाक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफ़ी भी करती हैं.
Photographs
Abhishek Gerald
अभिषेक गेराल्ड, चेन्नई में रहने वाले एक मरीन जीववैज्ञानिक हैं. वे ‘फाउंडेशन फॉर इकोलॉजी रिसर्च एडवोकेसी एंड लर्निंग’ और ‘इनसीज़न फिश’ के साथ संरक्षण और सस्टेनेबल सीफूड पर काम करते हैं.
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Sriganesh Raman
श्रीगणेश रमण एक मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं और फ़ोटोग्राफ़ी में रुचि लेते हैं. वे टेनिस खेलते हैं और अलग-अलग विषयों पर ब्लॉग भी लिखते हैं. ‘इनसीज़न फिश’ में उनका काम पर्यावरण के बारे में सीखने से संबंधित है.
Editor
Pratishtha Pandya
प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.
Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.