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Pune, Maharashtra

Nov 11, 2024

गौरों के हमले के ख़ौफ़ में जीते अम्बेगांव के किसान

जंगलों में निरंतर कम होते ठिकानों के कारण महाराष्ट्र में भारतीय गौर और दूसरे वन्यजीव खेतों में धावा बोल रहे हैं. नतीजतन, फ़सलों की लगातार बर्बादी और अपर्याप्त मुआवज़े के कारण खेती का काम छोड़ने वाले किसानों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है

Student Reporter

Aavishkar Dudhal

Translator

Prabhat Milind

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Student Reporter

Aavishkar Dudhal

अविष्कार दुधाल, पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं. कृषिकार्य में संलिप्त समुदायों के जीवन की गतिकी को समझने में उनकी विशेष रुचि है. यह रपट उन्होंने पारी के साथ इंटर्नशिप करने के दौरान लिखी थी.

Editor

Siddhita Sonavane

सिद्धिता सोनावने एक पत्रकार हैं और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर कंटेंट एडिटर कार्यरत हैं. उन्होंने अपनी मास्टर्स डिग्री साल 2022 में मुम्बई के एसएनडीटी विश्वविद्यालय से पूरी की थी, और अब वहां अंग्रेज़ी विभाग की विज़िटिंग फैकल्टी हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.