‘डाल दो हमें जेल में, ज़मीन छिन जाने से तो यही बेहतर है’
भूमि और वन अधिकारों के लिए जारी संघर्ष की आवाज़ बनकर उभरने वाली महिलाओं को हिंसा, झूठे मुक़दमों और जेल जाने का जोखिम ज़्यादा रहता है - जैसा कि यूपी के सोनभद्र ज़िले की दलित कार्यकर्ताओं लालती देवी और शोबा भारती के साथ हुआ
स्वेता डागा, बेंगलुरु स्थित लेखक और फ़ोटोग्राफ़र हैं और साल 2015 की पारी फ़ेलो भी रह चुकी हैं. वह मल्टीमीडिया प्लैटफ़ॉर्म के साथ काम करती हैं, और जलवायु परिवर्तन, जेंडर, और सामाजिक असमानता के मुद्दों पर लिखती हैं.
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Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।