डोकरा सियान शेरिंग दोरजी भूटिया ह 50 बछर ले हाथ ले धनुष बनावत हवंय. पेशा ले बढ़ई, दोरजी ह लकरी के बने साजो-समान ला सुधारत अपन जिनगी गुजार दीस, फेर ओकर मन तीरंदाजी मं बसे रहिस – जेन ह ओकर मूल सिक्किम के संस्कृति मं गहिर ले रचे बसे हवय.
इहाँ के लोगन मन के कहना हवय के सिक्किम के पकयोंग जिला के कार्थोक गांव में बनेच धनुष बनेइय्या रहिन, फेर अब सिरिफ शेरिंग बांचे हवंय. वो ह बांस ले धनुष बनाथे अऊ बौद्ध तिहार लासोंग के बखत बेंचथे.
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अनुवाद: निर्मल कुमार साहू