बेलडांगा से कोलकाता जाने वाली ट्रेन में चीन निर्मित छोटे-मोटे सामान बेचने वालों के बीच, संजय बिश्वास अपने हस्त निर्मित लकड़ी के सामान बेचने की कोशिश करते हैं, और साथ ही यह उम्मीद करते हैं कि यात्री बहुत ज़्यादा मोलभाव नहीं करेंगे, जिससे वह थोड़ा-बहुत मुनाफ़ा कमा सकें
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।
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Author
Smita Khator
स्मिता खटोर, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया (पारी) के भारतीय भाषा अनुभाग पारी'भाषा की 'चीफ़ ट्रांसलेशंस एडिटर' के तौर पर काम करती हैं. वह अनुवाद, भाषा व आर्काइव की दुनिया में लंबे समय से सक्रिय रही हैं. वह महिलाओं की समस्याओं व श्रम से जुड़े मुद्दों पर लिखती हैं.