“जब प्यार किया तो डरना क्या... प्यार किया कोई चोरी
नहीं... घुट-घुटकर यूं मरना क्या...”
प्यार करे तब का के डर...मया चोरी नोहे...घुंट-घुंट के जीना काबर...
विधी बीते कुछु बखत ले 60 के दसक के कलात्मक फिलिम मुगल-ए-आजम के ये गाना ला गुनगुनावत रहिथें. वो ह मध्य मुंबई मं अपन भाड़ा के खोली मं हवंय, अऊ गुनगुनाय ला बीच मं रोक के वो ह पूछथे, “हमन घलो कऊनो जुरूम नई करे हवन. हमन ला डेर्रावत काबर रहे ला चाही?”
ओकर सवाल बोले भर के नई फेर हलाकान करेइय्या आय. असल बात ओकर सेती मारे जाय के डर आय. वो ह तब ले ओकर संग मं रहत हवय, जब ले वो ह अपन परिवार के खिलाफ बगावत करिस अऊ वो मइनखे के संग भाग गे, जेकर ले वो ह मया करत रहिस – इस्कूल के ओकर हमजोली आरुषी. दूनो मं मया मं हवंय अऊ बिहाव करे ला चाहत हवंय. फेर वो मन के जोड़ी ला कानूनन बनाय के रद्दा लंबा, थका देवेइय्या अऊ कठिन चुनऊती ले भरे हवय. वो मन ला डर हवय के ओकर परिवार, वो मन के रिस्ता ला नई मानंय अऊ न त वो मन आरुषि के जूझे के बाद वोला मिले लिंग पहिचान ला समझे सकहीं. आरुषि के पहिचान किन्नर के रूप मं हवय, अऊ अब वो ह आरुष नांव ले जाने के रद्दा चुने हवय.
महानगर जाय मं, वो मन ला लगिस के वो मन अपन परिवार ले अजादी सेती भाग गे हवंय. विधी के परिवार परोस के पालघर जिला मं आरुष के गाँव ले करीबन 7 कोस दूरिहा ठाणे जिला के एक गाँव मं रहिथे. 22 बछर के विधी, महाराष्ट्र मं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मं सूचीबद्ध किसानी समाज के आय. 23 बछर के आरुष, कुनबी समाज ले हवय, जऊन ह घलो ओबीसी आय, फेर समाजिक रूप ले ओकर गांव मं बने जात के मान किसानी समाज ले ‘तरी’ मं हवय.
अपन घर छोड़ के मुंबई आय दूनो ला बछर भर होगे हवय; वो मन के लहुंटे के कऊनो विचार नई ये. आरुष गाँव के अपन परिवार के बारे मं कमती गोठियाथे, फेर कहिथे, “मंय एक ठन कच्चा घर मं रहत रहेंव अऊ मोला हर बखत ये बात ले सरम आवत रहिस. मंय ये बात ला लेके आई (दाई) ले बनेच लड़त-झगड़त रहेंव.”
आरुष के दाई मुर्गी फारम मं बूता करथे अऊ महिना के 6,000 रूपिया कमाथे. आरुष कहिथे, “बाबा (ददा) के झन पूछव. वो ला जऊन घलो बूता मिलत रहिस वो ह करिस, बढ़ई के काम, किसानी बूता अऊ जऊन मिलिस. वो ह जतको घलो कमावत रहिस, वो ला पीये मं उड़ा देवत रहिस अऊ घर मं आके हमन ला मारय.” बाद मं, ओकर ददा बीमार पर गे अऊ बूता करे ला छोड़ दीस अऊ दाई के कमई मं गुजारा चलत रहिस. ये ऊही बखत रहिस जब आरुष ह इस्कूल के छुट्टी बखत ईंटा भट्ठा, कारखाना मन मं अऊ दवई दूकान मं छोट-मोठ बूता करे ला सुरु कर दे रहिस.
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आरुष 2014 मं आठवीं कच्छा मं रहिस, जऊन नवा इस्कूल मं गे रहिस तब वो ह पहिली बेर विधी ले मिले रहिस. ये मिडिल इस्कूल तक पहुंचे मं वो मन ला डेढ़ कोस रेंगत जाय ला परत रहिस. वो ह कहिथे, “मोर गाँव मं जिला परिषद के इस्कूल कच्छा सातवीं तक ले रहिस, अऊ येकर बाद हमन ला बहिर जाय ला परिस.” नवा इस्कूल मं अपन पहिली बछर बखत, वो दूनो एक-दूसर ले जियादा गोठियावत नई रहिन. आरुष कहिथे, “हमन किसानी लोगन मन के संग मिलत नई रहेन. वो मन के अलग मंडली रहिस अऊ विधी वो मंडली मं सामिल रहिस. “
दूनो के दोस्ती तब होईस जब वो मन कच्छा नवमीं मं रहिन. अरुष विधी ला चाहे ला लगे रहिस.
एक दिन जब वो मन खेलत रहिन, आरुष ह विधी के संग रहिस अऊ अमन मन के बात ला वोला धीरे ले कहिस. वो ह झिझकत कहिस के वो ह ओकर ले मया करथे. वो नई जानय के काय कहना हे. वो ह दुविधा मं रहिस. विधी कहिथे, “आरुष ह मोला एक झिन टूरी के संग अपन बीते नाता ला घलो बताइस. वो ह गलत नई रहिस, फेर ये ह अजीब लगिस के वो (दूनो टूरी) एक संग रहिन.”
विधी कहिथे, “पहिली, मंय ‘नईं’ कहेंव, फेर बनेच बखत बाद मंय आखिर मं मान गेंय. मोला नई पता के मंय ‘हव’ काबर कहेंव. ये बस हो गे. मोला वो ह पसंद आइस. मोर दिमाग सही धन गलत के हिसाब करे नई सकत रहिस.” वो ह दम धर के साँस लेवत कहिथे, “हमर कच्छा मं कऊनो ला घलो हमर बारे मं पता नई चलिस.” आरुष कहिथे, “बाकी दुनिया के नजर मं हमन सिरिफ दू झिन नोनी रहेन जऊन मन बनेच बढ़िया सहेली रहिन.”
जल्देच, रिस्तेदार मन वो मन के मितानी अऊ जात के फेरफार ला बताय सुरु कर दीन.आरुष बताथे, “हमर लोगन मन (कुनबी) ला कभू किसानी मन के घर मं मजूर के रूप मं देखे जावत रहिस अऊ वो ला तरी जात के माने जावत रहिस. ये ह बनेच बखत पहिली के बात आय, फेर कुछेक लोगन के दिमाग मं अभू घलो ये बात हवय.” वो ह कुछु बछर पहिली भयंकर घटना ला घलो सुरता करथे जब ओकर गांव ले एक जोड़ा भाग गे रहिस. वो मं एक झिन कुनबी रहिस अऊ दूसर किसानी समाज ले, ओकर घर के मन वो मन ला खोज लीन अऊ मारिन-पीटिन.
शुरू मं आरुष के दाई ला वो मन के दोस्ती ले कऊनो दिक्कत नई रहिस. वो हा ये दूनो नोनी मन ला सहेली जइसने देखिस, फेर आरुष के विधी के घर घेरी-बेरी जाय आय ले संसो करत रहय अऊ वो ह ये अवई-जवई मं थोकन रोक लगाय के कोसिस करे रहिस.
विधी के ददा घर बनाय के समान बेंचे के काम करत रहिस. वो जब 13 बछर के रहिस तब ओकर दाई-ददा अलग होगे रहिन अऊ ओकर ददा ह दूसर बिहाव कर लेय रहिस. वो अपन दाई, सऊतेली महतारी अऊ चार भाई बहिनी –एक झिन बड़े भाई, दू बहिनी अऊ एक झिन छोटे सऊतेला भाई संग रहत रहिस. ओकर सऊतेली महतारी आरुष ला पसंद नई करत रहिस अऊ अक्सर ओकर संग बहेस करत रहय. विधी के बड़े भाई जेन ह अब 30 बछर के हवय, कभू-कभू अपन ददा संग बूता करत रहिस अऊ घर मं ओकर चलत रहिस. वो ह अपन बहिनी मन ले मारपीट करत रहय अऊ गारी देवत रहय.
इही भाई विधी ला कभू-कभू आरुष के घर छोड़ देवत रहिस जब विधी ह घूमे ला जावत रहिस. विधी सुरता करथे, “मोर भाई अपन मन के बात बतावत रहय अऊ कहत रहय के वो ह आरुष ला पसंद करथे. ये ह हमर मन ला टोर देवत रहय. हमन ला पता नई रहिस के काय करना हवय. आरुष कलेचुप रहय अऊ ओकर बात मन ला धियान नईं दिस जेकर ले हमर भेंट होवत रहय.”
आखिर मं, विधी के भाई घलो आरुष के घर जाय के मनाही करे सुरु कर दिस. वो ह कहिथे, “मोला नई पता के ये ह आरुष के जुवाब नई देय सेती रहिस जऊन ह वोला धन हमर बढ़त करीबी ले वो ह रिसा गे रहय. ओकर बहिनी घलो ओकर ले पूछिस के आरुष घेरी-बेरी घर मं काबर आथे धन दिन मं अतक फोन अऊ मैसेज काबर करथे.
करीबन इही बखत, आरुष अपन देह ला लेके भारी खुल गे अऊ वो ह मरद देह के साध जताय ला सुरु कर दिस. विधीच अकेल्ला रहिस जेकर ले अपन मन के बात ला कहे सकत रहिस. आरुष कहिथे, “मोला पता नई के ‘किन्नर’ के मतलब काय आय.” मोला अपन भीतर गहिर ले मसूस होइस के मंय एक मरद देह मं रहे ला चाहत हवंव.
वोला ट्रैक पैंट, कार्गो पैंट अऊ टी-शर्ट पहिरे भारी पसंद रहिस. एक मरद जइसने ओकर पहनावा-ओढ़ावा ले ओकर दाई ह हलाकान हो गे अऊ कपड़ा मन ला लुकाय धन चीरे के कोसिस करय. टूरा मन के पहनावा-ओढ़ावा मं आरुष ला देख के ओकर दाई वोला पीटय अऊ खिसियाय ला घलो सुरु कर दीस. वो हा वोला टूरी मन के पहिरे-ओढ़े के दीस. वो ह कहिथे, “मोला सलवार कमीज पहिरे पसंद नई रहिस.” आरुष सिरिफ एकेच बखत वो ला पहिरे जऊन ह ओकर इस्कूल मं टूरी मन के डरेस रहिस. वो ह मानथे के ये ला पहिरे ले वो ला ‘घुटन’ मसूस होथे.
दसवीं कच्छा मं जब आरुष ला महवारी सुरु होईस, तब ओकर दाई के मन ह थोकन हरू होईस, फेर ये ह लंबा बखत तक ले नई रहिस. करीबन बछर भर बाद, आरुष के महवारी गड़बड़ हो गे अऊ आखिर मं बंद होगे. ओकर दाई ह वो ला डॉक्टर मन करा अऊ बइद मन करा ले गीस. हरेक मन अलग-अलग गोली अऊ ओसध दीन, फेर कुछु घलो नई बदलिस.
परोसी मन, गुरूजी मन अऊ इस्कूल के संगवारी मन वोला ताना मारेंय. “वो मंन कहंय, ‘टूरी मन जइसने रहे कर... अपन हद के भीतरी रह.’ मोला ये घलो चेताय गेय रहिस के मंय अब बिहाव के उमर के हवंव.” अलग मसूस करे सेती, आरुष ह हरेक बखत अपन आप ला संदेहा करे लगिस अऊ निरास होगे अपन संग. वो ह कहिथे, “मोला लगय जइसने मंय कुछु गलत करे हवंव.”
कच्छा 11 वीं मं, जब आरुष ला एक ठन मोबाइल फोन मिलिस, त वो ह घंटा-घंटा ऑनलाइन लिंग पुष्टिकरण आपरेसन ले माइलोगन ले मरद होय के सम्भावना के जाँच करिस. विधी ह पहिली येकर बारे मं झचकत रहय. वो ह कहिथे, “मंय वोला वइसनेच पसंद करत रहेंव जइसने वो ह रहिस; वो ह सुरु ले येकर डहर ईमानदार रहिस.वो ह देह ला बदले ला चाहत रहिस फेर येकर मतलब ये नई रहिस के ओकर सुभाव बदल जाही.”
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विधी ह 2019 मं 12वीं पढ़े के बाद इस्कूल छोड़ दीस. पुलिस अफसर बने के साध रखेइय्या आरुष पुलिस भर्ती परिच्छा के तइयारी सेती पालघर के कोचिंग सेंटर मं दाखिला ले लीस. वो ला आरुषी के रूप मं महिला उम्मीदवार के रूप मं अरजी देय ला रहिस. फेर 2020 मं होय परिच्छा देश भर मं कोविड-19 लॉकडाउन लगे सेती रद्द कर देय गीस. येकरे सेती वो ह पत्राचार पाठ्यक्रम के जरिया ले बीए के पढ़ई करे के फइसला करिस.
आरुष अऊ विधी बर लॉकडाउन कठिन रहिस. विधी के घर मं ओकर बिहाव करे के चर्चा सुरु होगे रहिस. फेर वो ह जानत रहिस के वो ह आरुष के संग रहे ला चाहथे. घर ले भागे ह एकेच रद्दा दिखत रहय. बीते कतको दिन ले जब आरुष ह विधी ला अपन संग चले भाग जाय बर कहत रहय त वो ह नई मानिस. वो ह कहिथे, “ये ह डेर्राय के रहिस... फेर छोड़े घलो असान नई रहिस.”
लॉकडाउन के बाद, आरुष ह अगस्त 2020 मं एक दवई कारखाना मं बूता करे सुरु करिस अऊ महिना मं 5,000 रूपिया कमाय लगिस. वो ह कहिथे, “कऊनो समझे नई सकिन के मंय कइसने जिंये ला चाहत हवंव. ये ह साँस रुके कस रहिस. मोला पता रहिस के भागे ह एकेच रद्दा रहिस.” वो ह घरेलू हिंसा के मारे लोगन मन के संग काम करेइय्या मंडली अऊ गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) मन करा जाय ला सुरु कर दीस जेकर ले विधी अऊ अपन सेती ठिया खोज सकय.
कलंक अऊ जोर-जबरदस्ती सेती कतको किन्नर मन, खासकरके गांव-देहात मं, घर छोड़ के सुरच्छित जगा खोजे बर मजबूर हो जाथें. 2021 मं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग डहर ले जारी पश्चिम बंगाल मं किन्नर मन के एक ठन अध्ययन मं ये बात आगू आय रहिस के “घर-परिवार के लोगन मन वो मन के ऊपर अपन लिंग के पहिचान ला लुका के राखे बर दुवाब डारथें.” अऊ करीबन आधा लोगन मन अपन परिवार, संगवारी अऊ समाज के फेरफार के बेवहार सेती अपन घर ला छोड़ दीन.
मुंबई ह आरुष अऊ विधी सेती सुभीता लगत रहिस. आरुष उहाँ अपन आपरेसन घलो करवाय सकत रहिस. येकरे सेती मार्च 2021 मं एक मंझनिया विधी ह अस्पताल जाय के बहाना बनाके घर ले निकर गे अऊ आरुष बूता करे ला चले गे. ये जोड़ी बस मं बइठे सेती अक ठन जगा मं मिलीन. आरुष करा 15,000 रूपिया नगद रहिस जऊन ला वो ह अपन कमई ले बंचा के रखे रहिस. ओकर करा अपन दाई के एकेच सोन के माला अऊ कान के बाली जोड़ा घलो रहिस. वो ह सोन ला बेंच दिस येकर ले वोला 13,000 रूपिया मिलिस. वो ह बताथे, “ येला बेंचे ला बने नई लगत रहिस फेर मंय संसो करत रहंय अऊ नगदी ला हाथ मं सुरच्छित रखे जाय सकत रहिस. मंय कऊनो खतरा मोल नई लेय ला चाहत रहेंव काबर हमन घर लहूंटे नई सकत रहेन.”
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मुंबई मं एक ठन एनजीओ के कार्यकर्ता मन, ये जोड़ा ला सहर मं ऊर्जा ट्रस्ट डहर ले चलाय जावत मईलोगन मन के ठिया मं ले गीन. इहाँ के पुलिस थाना ला घलो खबर दे दीन. मानव अधिकार कार्यकर्ता अऊ ऊर्जा ट्रस्ट के कार्यक्रम प्रबंधक अंकिता कोहिरकर कहिथें,” फेर वो मन चेलिक आंय, येकरे सेती पुलिस ला खबर करे के कऊनो कानूनन जरूरत नई रहिस. फेर, कभू-कभू, कुछेक जटिल मामला मं, घर-परिवार के लोगन मन वो मन ला नुकसान पहुंचाय के कोसिस करथें.”
फेर, ये काम ह उल्टा पर गे. पुलिस थाना मं अफसर मन वो मन ले पूछताछ सुरु करिन. आरुष कहिथे, “वो मन हमन ला गांव लहूंटे ला कहत रहेंय, के अइसने रिस्ता नई निभय. ये गलत आय.” पुलिस ह दूनो के दाई-ददा ला खबर कर दीन, जऊन मन अब ले घलो वो मन के जाय ले हलाकान रहिन. तब तक ले, आरुष के दाई ह तीर के पुलिस थाना मं ओकर गुम होय के रपट दरज करा देय रहय अऊ विधी के घर के लोगन मन आरुष के परिवार ला धमकाय ओकर घर आ गे रहिन.
एक बेर जब वो मन ला पता चल गीस के वो दूनो कहाँ हवंय, दूनो के घर के लोगन मन उहिच दिन मुंबई आ गीन. विधी कहिथे, “भाई (बड़े भाई) मोला धीरज धरे घर लहूंटे ला कहिस. मंय वो ला कभू अइसने नई देखे रहेंव. अइसने येकरे सेती रहिस काबर पुलिस ऊहाँ रहिस.”
आरुष के दाई घलो वो मन ला लहूंटे सेती मनाईस. आरुष सुरता करथे, “पुलिस ह आई (दाई) ला हमन ला ले जाय ला घलो कहिस काबर सेंटर ह माईलोगन मन के सेती सही जगा नई रहिस.” किस्मत ले, ऊर्जा के कार्यकर्ता मन दखल दीन अऊ दाई-ददा ला जबरदस्ती ये जोड़ा ला ले जाय ले रोक दीन. आरुष ह अपन दाई के सोन के जेवर बेंचे ले मिले रकम ला घलो लहूंटा दिस. वो ह कहिथे, “मोला येला रखे मं बने नई लगत रहिस.”
गांव लहूंटे के बाद विधी के घर के मन आरुष ऊपर देह बेचे के धंधा करे अऊ बिधि ला जबरन अपन संग ले जाय के आरोप लगाइन. ओकर भाई अऊ रिस्तेदार मन आरुष के परिवार ला भारी नतीजा भुगते के धमकी देय ला नई छोड़े हवंय. आरुष बताथे, “वो ह (विधी के भाई) मामला ला सुलझाय के बहाना ले मोर भाई ला अकेल्ला मं भेंट करे ला कहत हवय. फेर वो ह नई जाय; वो मन कुछु घलो करे सकत हवंय.”
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सेंट्रल मुंबई के शेल्टर होम मं रहे के बाद घलो, आरुष अऊ विधी अपन ला असुरच्छित मसूस करे लगिन. आरुष कहिथे, हमन ककरो ऊपर भरोसा नई करे सकन. कऊन जाने गाँव ले कब कऊनो लहूंट आय.” येकरे सेती वो मन 10,000 रूपिया जमा करके भाड़ा के खोली मं चले गीन. वो मन खोली के महिना के भाड़ा 5,000 रूपिया देथें. वो ह कहिथे, “मकान मालिक ला हमर रिस्ता के बारे मं मालूम नई ये. हमन ला येला लुका के रखे ला परही. हमन खोली ला नई छोड़े चाहत हवन.”
आरुष अब लिंग पुष्टिकरण के सब्बो तरीका ला जाने मं धियान देय ला चाहत हवय, जऊन मं आपरेसन अऊ इलाज सामिल हवय. ये सब्बो के तरीका, डॉक्टर मन के जानकारी अऊ इलाज के खरचा के जानकारी सेती ओकर एकेच जरिया गूगल अऊ व्हाट्सएप ग्रुप हवंय.
वो मन एक बेर मुंबई के एक ठन सरकारी अस्पताल मं गे रहिन, फेर लहूंट के नई गीन. आरुष कहिथे, “डॉक्टर ह मोर मदद करे के जगा मोला आपरेसन नई कराय सेती मनावत रहिस. वो ह मोला समझे नई सकत रहिस. वो ह मोला अपन दाई-ददा ले मंजूरी लेय सेती फोन करे ला घलो कहिस. मोला भारी रिस लागिस. वो ह मोर बर येला अऊ मुस्किल बनावत रहिस.”
अब आरुष ह एक ठन निजी अस्पताल मं इलाज कराय के फइसला करिस. काउंसलिंग होय के बाद, वोला जेंडर डिस्फोरिया के पता चलिस – ककरो जैविक सेक्स अऊ लिंग के पहिचान मं मेल नई होय सेती होवइय्या तनाव अऊ असुविधा. डॉक्टर मन आरुष ला हार्मोन थेरेपी के मंजूरी दीन. फेर लिंग बदले के तरीका ह लंबा अऊ महंगा हवय.
टेस्टोस्टेरोन के सूजी हरेक 21 दिन मं लगे ला परथे, जेकर एक सूजी के दाम 420 रूपिया हवय, अऊ सूजी लगाय सेती डॉक्टर के फीस 350 रूपिया हवय. दीगर 200 रूपिया हर पाख मं खाय के दवई सेती खरच होथे. हार्मोन थेरेपी के खराब असर के जाँच करे सेती आरुष ला हर 2-3 महिना मं खून के जाँच कराय ला परथे; ये जम्मो जाँच मं करीबन 5,000 रूपिया तक के खरचा आथे. काउंसलर के फीस 1,500 रूपिया आय अऊ डॉक्टर के सलाह के फीस हरेक बेर 800-1,000 रूपिया हवय.
फेर, थेरेपी ले असर दिखे ला सुरु होगे हवय. वो ह कहिथे, “मंय अपन भीतरी बदलाव मसूस करे सकत हवंव.” वो ह कहत जाथे, “अब मोर अवाज भारी होगे हवय. मोला खुस-खुस मसूस होथे.” दवई के खराब असर ला बतावत कहिथे, “मंय बगिया जाथों अऊ कतको बखत अपन आप ला काबू नई करे सकंव.”
आरुष डेर्रावत हवय के विधी ह ओकर संग आय सेती पछताही धन वोला मया करे ला बंद कर दिही. आरुष कहिथे, “वो ह बने परिवार (ऊंच जात) ले हवय. फेर वो ह मोला कभू घलो कमतर मसूस नई होय देवय. वो ह हमर सेती (आमदनी सेती) बूता घलो करत हवय.”
आरुष के होय बेवहार मं बदलाव ला देखत विधी कहिथे, “झगरा होवत रहिथे, फेर हमन मुद्दा मं बात करे सेती घलो बइठे रहिथन. ये ह मोला घलो असर करथे, फेर मंय ओकर संग हवंव.” वो ह कंप्यूटर धन नर्सिंग मं व्यावसायिक पढ़ई करे के विचार ला छोड़ दे हवय, अऊ येकर छोड़ घर चलाय मं मदद करे सेती छोट-मोट बूता करे लगे हवय. वो ह दक्षिण भारतीय होटल मं बरतन मांजथे अऊ महिना के 10,000 रूपिया कमाथे. येकर संगे-संग आमदनी के एक हिस्सा आरुष के इलाज मं सिरा जाथे.
आरुष तऊन 11,000 रूपिया ले बचावत हवय जऊन ला वो ह हरेक महिना एक इमारत के चऊकीदारी करके कमाथे. ओकर संग के मन वो ला मरद के रूप मं जानथें. वो ह अपन सीना ला छिपाय सेती बाइंडर पहिरथे, जेकर ले दरद होथे.
विधी कहिथे, “हमन दूनों अब एके संग कम बखत गुजारथन काबर हमन बूता करे सेती जल्दी निकर जाथन. हमन बूता करके थके-हारे लहूंटथन, अऊ हमन बहस करत रहिथन.”
सितंबर 2022 ले दिसंबर 2022 तक ले आरुष ह अपन इलाज मं करीबन 25 हजार रूपिया खरचा करे हवय. हार्मोन थेरेपी इलाज के बाद, वो ह लिंग पुष्टिकरण आपरेसन (जऊन ला सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी धन एसआरएस घलो कहे जाथे) करवाय ला चाहत हवय, जऊन मं छाती अऊ जनन अंग बनाय सामिल होही अऊ ओकर खरचा 5-8 लाख रूपिया परही. वो ह येकर खरचा नई उठाय सकय काबर के वोला अऊ विधी ला अपन आमदनी ले बचाय मं दिक्कत होवत हवय.
आरुष ह नई चाहय के आपरेसन होय के बाद तक ले ओकर परिवार ला ओकर इलाज के पता चलय. वो ह फोन मं अपन दाई संग बनेच बखत तक ले होय बहस ला सुरता करथे जब वोला पता चलिस के वो ह अपन चुंदी ला छोटे कर ले हवय. आरुष कहिथे, “वो ह सोचिस के मुंबई मं लोगन मन मोर दिमाग मं गलत बात भरत हवंय.” वो ह वोला अपन गांव के तीर एक जगा मं जाय सेती बरगलाइस अऊ वोला एक ठन तांत्रिक (बैगा) करा ले गीस. “वो मइनखे ह मोला पीटे लगिस, मोर मुड़ी ला मारे लगिस अऊ घेरी-बेरी कहय, ‘तंय टूरी अस, टूरा नई’.” हकबकाय आरुष कइसने करके भाग निकरिस.
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आरुष कहिथे, “गर सरकारी डॉक्टर बने होतिन त मोला महंगा इलाज कराय के जरूरत नई परतिस.” किन्नर मइनखे मन के (अधिकार के संरक्षण) अधिनियम, 2019 सरकार ला सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी अऊ हार्मोनल थेरेपी सेती पहिली अऊ बाद मं सलाह समेत इलाज सुविधा देय के निर्देश देथे. कानून कहिथे के खरचा ला स्वास्थ्य बीमा योजना के जरिया ले करे जाय. ये ह इलाज अऊ आपरेसन कराय के ओकर हक के घलो सुरक्षा करथे जेकर ले वो ह येकर ले बांचे नई रह जाय.
आरुष कहिथे, “गर सरकारी डॉक्टर बने होतिन त मोला महंगा इलाज कराय के जरूरत नई परतिस.” किन्नर मइनखे मन के (अधिकार के संरक्षण) अधिनियम, 2019 सरकार ला लिंग पुष्टिकरण आपरेसन अऊ हार्मोनल थेरेपी सेती पहिली अऊ बाद मं सलाह समेत इलाज सुविधा देय के निर्देश देथे. कानून कहिथे के खरचा ला स्वास्थ्य बीमा योजना के जरिया ले करे जाय. ये ह इलाज अऊ आपरेसन कराय के ओकर हक के घलो सुरक्षा करथे जेकर ले वो ह येकर ले बांचे नई रह जाय.
आरुष, जऊन ला कतको योजना के जानकारी नई ये, वो ह हालाकि पहचान दस्तावेज सेती अरजी देय हवय. फेर वोला अब तक ले मिले नई ये. फेर, पोर्टल के मुताबिक जिला ला अफसर मन के सेती आवेदन मिले के 30 दिन के भीतर ट्रांसजेंडर प्रमाणपत्र अऊ आईडी कार्ड जारी करना जरूरी आय. 2 जनवरी, 2023 तक, महाराष्ट्र राज ला दस्तावेज सेती 2,080 अरजी मिले रहिस, जऊन मेर ले 452 के समाधान नई होय हवय.
आरुष ला ये बात के चिंता हवय के ओकर पहचान प्रमाण पत्र बगेर ओकर बीए के डिग्री आरुषि के नांव ले जारी करे जाही अऊ भारी कागज-पतर करे ला परही. वो ह अभू घलो पुलिस मं भर्ती होय ला चाहत हवय, फेर एक मरद के रूप मं, अपन लिंग पुष्टिकरण आपरेसन के बाद. बिहार मं पहिली किन्नर के राज के पुलिस मं भर्ती होय के खबर ह ओकर आस ला भर दे हवय. “ये देख के बने लागथे. मंय भीतरी ले आस ले भरे मसूस करत हवंव,” आरुष कहिथे, जऊन ह अपन आपरेसन सेती काम करत हवय अऊ बचावत हवय.
ओकर साध हवय के लोगन मन ला सब्बो ला माने ला सिखाय जाय. तब वो मन ला अपन घर-गांव छोड़ के अइसने लुकाय ला नई परतिस. आरुष कहिथे, “मंय बनेच रोय हवंव अऊ जिये ला नई चाहंव. हमन ला डेर्रा के काबर रहे ला चाही? कऊनो दिन हमन अपन नांव ला छुपाय बिन अपन कहिनी बताय ला चाहत हवंव.”
विधी ह मुचमुचावत कहिथे, “मुगल-ए-आजम के अंत ह पीरा ले भरे रहिस. हमर अइसने नई होही.”
विधी अऊ आरुष के नांव वो मन के निजता ला बचाय सेती बदल दे गे हवंय.
अनुवाद: निर्मल कुमार साहू