केरल के पारप्पा गांव में त्योहारों तथा अन्य कार्यक्रमों के दौरान माविलन आदिवासी समुदाय के लोग ‘घास’ पर ढोल बजाते हैं, और साल के बाक़ी दिन ये संगीतकार दिहाड़ी मज़दूर बन जाते हैं
गोपिका अजायन ने चेन्नई के एशियन कॉलेज ऑफ़ जर्नलिज्म से ग्रेजुएशन किया है. वह एक वीडियो जर्नलिस्ट हैं और भारत के आदिवासी समुदायों की कला और संस्कृति पर केंद्रित काम कर रही हैं.
See more stories
Translator
Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।