बंगलामेडु-जहां-पहुंचते-ही-खोखले-पड़-जाते-हैं-डिजिटल-इंडिया-के-दावे

Thiruvallur, Tamil Nadu

Jun 28, 2021

बंगलामेडु: जहां पहुंचते ही खोखले पड़ जाते हैं डिजिटल इंडिया के दावे

ऐसा बताया गया था कि टेक्नोलॉजी और ज़ीरो बैलेंस खाते ग़रीबों के लिए बैंकिंग को आसान बनाने वाले थे. मगर बंगलामेडु के इरुला समुदाय के लोगों के लिए, बैंकिंग की प्रक्रिया और ज़्यादा मुश्किल व परेशान करने वाली बन गई है.

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Author

Smitha Tumuluru

स्मिता तुमुलुरु, बेंगलुरु की डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफ़र हैं. उन्होंने पूर्व में तमिलनाडु में विकास परियोजनाओं पर लेखन किया है. वह ग्रामीण जीवन की रिपोर्टिंग और उनका दस्तावेज़ीकरण करती हैं.

Translator

Neelima Prakash

नीलिमा प्रकाश एक कवि-लेखक, कंटेंट डेवेलपर, फ़्रीलांस अनुवादक, और भावी फ़िल्मकार हैं. उनकी रुचि हिंदी साहित्य में है. संपर्क : neelima171092@gmail.com