फ़ोटोग्राफ़र लिखता है – अच्छाई के लिए या कविता के लिए
इस फ़ोटोग्राफ़र का कहना है कि जब लॉकडाउन मनुष्यों की पीड़ा को बढ़ा रहा है, जिसे दशकों से जानते हुए और उसकी परवाह करते हुए आप बड़े हुए हैं, तो यह आपको लेंस से परे जाकर, ख़ुद को कविता के रूप में व्यक्त करने पर मजबूर करता है
पुरुषोत्तम ठाकुर, साल 2015 के पारी फ़ेलो रह चुके हैं. वह एक पत्रकार व डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर हैं और फ़िलहाल अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के लिए काम करते हैं और सामाजिक बदलावों से जुड़ी स्टोरी लिखते हैं.
Translator
Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।