छत्तीसगढ़ में: सामाजिक दूरी बनाने के लिए मोर्चाबंदी
बस्तर क्षेत्र के कई हिस्सों में, ‘बाहरवालों’ को अंदर प्रवेश करने से रोकने के लिए लोग मोर्चाबंदी कर रहे हैं – और उन प्रवासियों को भी अंदर आने से रोक रहे हैं जो अपने ही गांव वापस लौट कर आए हैं
पुरुषोत्तम ठाकुर, साल 2015 के पारी फ़ेलो रह चुके हैं. वह एक पत्रकार व डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर हैं और फ़िलहाल अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के लिए काम करते हैं और सामाजिक बदलावों से जुड़ी स्टोरी लिखते हैं.
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Neha Kulshreshtha
नेहा कुलश्रेष्ठ, जर्मनी के गॉटिंगन विश्वविद्यालय से भाषा विज्ञान (लिंग्विस्टिक्स) में पीएचडी कर रही हैं. उनके शोध का विषय है भारतीय सांकेतिक भाषा, जो भारत के बधिर समुदाय की भाषा है. उन्होंने साल 2016-2017 में पीपल्स लिंग्विस्टिक्स सर्वे ऑफ़ इंडिया के द्वारा निकाली गई किताबों की शृंखला में से एक, भारत की सांकेतिक भाषा(एं) का अंग्रेज़ी से हिंदी में सह-अनुवाद भी किया है.