गढ़वाल के पहाड़ों में चरवाही: जोखिमों से घिरी ज़िंदगी
हिमालय के इस इलाक़े में, अपनी भेड़ और बकरियों की चरवाही करते चरवाहों को जमा देने वाले ठंडे और नम मौसम से लड़ना पड़ता है. साल के नौ महीने गंगोत्री पर्वतश्रेणियों में गुज़ारते हुए, वे मवेशियों को जंगली जानवरों के हमलों से भी बचाते हैं
प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.
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Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.