गुलमिया-अब-हम-नाही-बजइबो

Kachchh, Gujarat

Apr 10, 2023

‘गुलमिया अब हम नाही बजइबो’

कच्छ के गांव के मेहरारू लोग जमीन-जायदाद में हिस्सा खातिर आवाज उठा रहल बाड़ी. एह लोकगीत में उहे आवाज सुनल जा सकेला

Illustration

Priyanka Borar

Translator

Swarn Kanta

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पंड्या पारी में सीनियर एडिटर बानी, जहंवा ऊ पारी के रचनात्मक लेखन विभाग के अगुआई करेनी. उहां के पारीभाषा टीम के हिस्सो बानी आ गुजराती स्टोरी के संपादन आउर अनुवाद करेनी. उहां के लिखल कविता गुजराती आउर अंगरेजी में छपत रहेला.

Illustration

Priyanka Borar

प्रियंका बोरार नया मीडिया के कलाकार हई. उहां अर्थ आउर अभिव्यक्ति के नया रूप खोजे खातिर तकनीक संगे प्रयोग करेनी. सीखे आउर खेले खातिर अनुभव के डिज़ाइन करेनी. संवादमूलक मीडिया पर हाथ आज़मावेली, आउर पारंपरिक क़लम आ कागज़ संगे भी सहज महसूस करेनी.

Translator

Swarn Kanta

स्वर्णकांता एगो पत्रकार, एडिटर, टेक ब्लॉगर, कंटेन्ट राइटर, ट्रांसलेटर, लिंग्विस्ट आ एक्टिविस्ट बारी.