कोई-अपराध-नहीं-लेकिन-सज़ा-अंतहीन

Pune, Maharashtra

Mar 24, 2019

इस देश में ‘पारधी’ होना गुनाह है

अंग्रेज़ों द्वारा ‘आपराधिक जनजाति’ घोषित किए जाने की बदनामी पारधियों को अब तक सहनी पड़ रही है. आंबले गांव की सुनीता भोसले अपने समुदाय को शिक्षित करने, अत्याचारों से लड़ने, तथा सांस्कृतिक पक्षपात से पार पाने में मदद कर रही हैं

Author

Jyoti

Translator

Qamar Siddique

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Author

Jyoti

ज्योति, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया की सीनियर रिपोर्टर हैं; वह पहले ‘मी मराठी’ और ‘महाराष्ट्र1’ जैसे न्यूज़ चैनलों के साथ काम कर चुकी हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।