कुरुबा-चरवाहे-अपनी-जीविका-खो-रहे-हैं

Belgaum, Karnataka

Mar 01, 2020

बदलते वक़्त में आजीविका के संकट से घिरे कुरुबा चरवाहे

कर्नाटक के पशुपालक कुरुबा लंबे समय से अपनी मज़बूत दक्कनी भेड़ों को चराने के लिए महीनों तक यात्रा करते रहे हैं. लेकिन अपने जानवरों की खाद और ऊन की मांग में गिरावट के कारण, उनमें से कई अब आय के अन्य स्रोतों की तलाश कर रहे हैं

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Author

Prabir Mitra

प्रबीर मित्रा, जनरल फिज़िशियन हैं और लंदन स्थित 'द रॉयल कॉलेज ऑफ़ फिज़िशियन' के फ़ेलो हैं. वह 'रॉयल फ़ोटोग्राफ़िक सोसाइटी' के एक सहयोगी और ग्रामीण भारतीय सांस्कृतिक विरासत में रुचि रखने वाले एक डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफ़र हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।