‘काम ही काम, महिलाएं गुमनाम’ पूरी तरह से डिजिटाइज़्ड और क्यूरेट की गई ऑनलाइन फ़ोटो प्रदर्शनी है. वीडियो के ज़रिए होने वाली इस विजुअल यात्रा के दौरान पाठक और दर्शक पूरी भौतिक प्रदर्शनियों को देख पाएंगे, जिसमें मूल तस्वीरों के साथ नीचे इबारतें भी लिखी मिलेंगी. ये सभी तस्वीरें पी साईनाथ ने साल 1993 से 2002 के बीच, भारत के दस राज्यों में घूम-घूमकर खींची थीं. ये तस्वीरें आर्थिक सुधार के पहले दशक से लेकर, राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के आरंभ होने से दो साल पहले तक की हैं.

अनुवादः डॉ मोहम्मद क़मर तबरेज़

P. Sainath

পি. সাইনাথ পিপলস আর্কাইভ অফ রুরাল ইন্ডিয়ার প্রতিষ্ঠাতা সম্পাদক। বিগত কয়েক দশক ধরে তিনি গ্রামীণ ভারতবর্ষের অবস্থা নিয়ে সাংবাদিকতা করেছেন। তাঁর লেখা বিখ্যাত দুটি বই ‘এভরিবডি লাভস্ আ গুড ড্রাউট’ এবং 'দ্য লাস্ট হিরোজ: ফুট সোলজার্স অফ ইন্ডিয়ান ফ্রিডম'।

Other stories by পি. সাইনাথ
Translator : Qamar Siddique

কমর সিদ্দিকি পিপলস আর্কাইভ অফ রুরাল ইন্ডিয়ার উর্দু অনুবাদ সম্পাদক। তিনি দিল্লি-নিবাসী সাংবাদিক।

Other stories by Qamar Siddique