कांगड़ा-घाटी-में-सिंचाई-अब-कुह्ल-नहीं-रहे

Kangra, Himachal Pradesh

Jun 29, 2019

कांगड़ा घाटी में सिंचाई: अब कुह्ल नहीं रहे

मिट्टी की नहरों या कुह्ल के एक पेचीदा नेटवर्क ने लंबे समय तक हिमाचल प्रदेश के खेतों की सिंचाई में मदद की है, और कोहली, घराती तथा अन्य व्यवसायों को बनाए रखा है। लेकिन ये पारंपरिक प्रणालियां अब लुप्त होती जा रही हैं

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Author

Aditi Pinto

आदिति पिंटो हिमाचल प्रदेश में रहती हैं, और अनुवादक, लेखक, शोधकर्ता तथा छोटे किसानों और ग्रामीण महिलाओं के नेटवर्क में प्रतिभागी के रूप में काम करती हैं। उन्होंने पर्यावरण, कृषि और सामाजिक मुद्दों पर लेख लिखे हैं।

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।