इचलकरंजी के सजावटी तोरन: कुछ साल बाद इस शिल्पकला का कोई नामलेवा न बचेगा
70 साल की उम्र में, महाराष्ट्र के इचलकरंजी शहर के मुरलीधर जवाहिरे बड़ी मेहनत से काग़ज़ और बांस से बनने वाले तोरन (दरवाज़े पर लटकाई जाने वाली सजावटें) तैयार करते हैं. उन्हें अब भी इस शिल्पकला पर गर्व है जिसे आजकल कोई सीखना नहीं चाहता है
संकेत जैन, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहने वाले पत्रकार हैं. वह पारी के साल 2022 के सीनियर फेलो हैं, और पूर्व में साल 2019 के फेलो रह चुके हैं.
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Pankhuri Zaheer Dasgupta
पंखुरी ज़हीर दासगुप्ता, दिल्ली में स्थित एक स्वतंत्र शोधकर्ता और लेखिका हैं. पंखुरी नृत्य एवं नाटक में ख़ास रुचि रखती हैं. वह 'जिंदगी ऐज़ वी नो इट' नामक साप्ताहिक पॉडकास्ट की सह-मेज़बानी भी करती हैं.