‘अगर उनका इलाज समय पर हो जाता, तो आज वह ज़िंदा होते’
कोविड-19 लक्षणों के बावजूद, मुंबई के एक सफ़ाईकर्मी अशोक तारे को किसी सुरक्षात्मक उपकरण के बिना ही काम करने पर मजबूर किया गया और छुट्टी देने से मना कर दिया गया. उनका परिवार मदद के लिए इधर-उधर भागता रहा, और 30 मई को उनकी मृत्यु होने के महीनों बाद भी मुआवजे का इंतज़ार कर रहा है