sundarbans-not-a-blade-of-grass-grew...-bho

South 24 Parganas, West Bengal

Jun 21, 2025

सुंदरबन: ‘घास के एगो पात तक ना जामे…’

पच्छिम बंगाल के सुंदरबन के लोग लमहर बेरा से गरीबी के मार त सहते रहे, अब जलवायु परिवर्तन देखे के परता. एह चलते बेर-बेर के चक्रवात, बे-फांट के बरखा, कसवत पानी, तवत गरमी, मैंग्रोव के घटत जंगल औरी अइसने ढेर कुल बात देखे, सहे के परता

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Reporter

Urvashi Sarkar

उर्वशी सरकार, स्वतंत्र पत्रकार बाड़ी आ 2016 के पारी फेलो हई.

Editor

Sharmila Joshi

शर्मिला जोशी पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया के कार्यकारी संपादक रह चुकल बाड़ी. उहां के लेखिका बानी आ बीच-बीच में टीचिंग के भी काम करेनी.

Editors

P. Sainath

पी. साईनाथ, पीपुल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक बानी. उहां के दशकन से गांव-देहात में बसल भारत के बारे में लिखत बानी. उहां के ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ आउर ‘द लास्ट हीरोज: फुट सोल्जर्स ऑफ इंडियन फ्रीडम’ नाम के किताब भी लिखले बानी.

Editors

Sharmila Joshi

शर्मिला जोशी पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया के कार्यकारी संपादक रह चुकल बाड़ी. उहां के लेखिका बानी आ बीच-बीच में टीचिंग के भी काम करेनी.

Translator

Smita Vajpayee

स्मिता वाजपेयी नरकटियागंज, बिहार से आवे वाला एगो लेखिका बानी. उहां के कविता आउर यात्रा के भी शौक बा.