in-gurez-home-is-not-where-the-word-is-bho

Bandipore, Jammu and Kashmir

Aug 05, 2025

गुरेज में घर त बा, बाकिर बोली बेघर हो गइल बा

कड़कड़ात सरदी आ सरहद पार होखे वाला गोलाबारी कश्मीर के गुरेज घाटी में बसल दर्द-शिन समाज के लोग के आपन घर-दुआर छोड़े के मजबूर कर देले बा. मौसमी पलायन चलते एह समाज के बोली-बानी आ रहन-सहन पर असर पड़ रहल बा

Photo Editor

Binaifer Bharucha

Translator

Swarn Kanta

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

Muzamil Bhat

मुजमिल भट, श्रीनगर के स्वतंत्र फोटो-पत्रकार आ फिल्मकार बानी. उहां के साल 2022 के पारी फेलो रह चुकल बानी.

Editor

Ritu Sharma

ऋतु शर्मा, पारी के लुप्तप्राय भाषा के सीनियर असिस्टेंट एडिटर बानी. उहां के भाषा विज्ञान में एमए कइले बानी. भारत में बोले जाए वाला भाषा के बचावे आउर फेरु से जिलावे के दिसा में लागल बानी.

Photo Editor

Binaifer Bharucha

बिनाइफर भरूचा मुंबई में रहे वाली एगो स्वतंत्र फोटोग्राफर, आउर पारी के फोटो एडिटर बानी.

Translator

Swarn Kanta

स्वर्णकांता एगो पत्रकार, एडिटर, टेक ब्लॉगर, कंटेन्ट राइटर, ट्रांसलेटर, लिंग्विस्ट आ एक्टिविस्ट बारी.