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Sitamarhi, Bihar

Jul 01, 2025

बकरी आ आस पे टिकल हुस्न-आरा के दुनिया

बिहार के बर्री-फुलवरिया गांव के खेत-खरिहान से वंचित एगो मजूर हुस्न-आरा आपन परिवार चलावे खातिर बकरी आ मुर्गी पालेली. हालांकि ऊ त सोचले रहली कि उनकर बच्चा लोग, जे अब बड़ हो चुकल बाड़ें सन, काम करिहें सन आ भविष्य के बढ़िया बनईहें सन

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Author

Qamar Siddique

कमर सिद्दीकी पीपल्स अर्काईव ऑफ़ रुरल इंडिया के अनुवाद संपादक, उर्दू हवें. इहां के दिल्ली में रहे वाला पत्रकार हईं.

Translator

Vimal Chandra Pandey

विमल चंद्र मुंबई में रहे वाला एगो पत्रकार, फिल्मकार आउर अनुवादक बानी. सूचना के अधिकार आंदोलन से एगो कार्यकर्ता के रूप में जुड़ल विमल हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स, मुंबई में भोजपुरी स्तंभ ‘माटी के पाती’ खातिर नियमित लिखेनी.