Narmada, Gujarat •
Jul 02, 2025
Poem
Jitendra Vasava
गुजरात के नर्मदा जिला के महुपाड़ा के रहे वाला जितेंद्र वसावा एगो कवि बाड़न. उहां के देहवली भीली में लिखेनी. उहां के आदिवासी साहित्य अकादमी (2014) के संस्थापक अध्यक्ष आ आदिवासी आवाज के जगह देवे वाला कविता केंद्रित पत्रिका लखारा के संपादक बानी. उहां के वाचिक आदिवासी साहित्य पर चार पुस्तक भी प्रकाशित कइले बानी. जितेंद्र वसावा नर्मदा जिला के भीली के मौखिक लोककथा सब के सांस्कृतिक आ पौराणिक पहलू सब पर शोध कर रहल बानी. पारी पर छपल कविता सब उनकर आवे वाला पहिल काव्य संग्रह से बा.
Illustration
Labani Jangi
Text
Shankar N. Kenchanuru
शंकर एन केंचनूरु कवि, अनुवादक आ पारी में कन्नड़ लैंग्वेज ट्रांसलेशंस एडिटर बानी.
Text
Labani Jangi
Text
Devesh
Editor
Pratishtha Pandya
प्रतिष्ठा पंड्या पारी में सीनियर एडिटर बानी, जहंवा ऊ पारी के रचनात्मक लेखन विभाग के अगुआई करेनी. उहां के पारीभाषा टीम के हिस्सो बानी आ गुजराती स्टोरी के संपादन आउर अनुवाद करेनी. उहां के लिखल कविता गुजराती आउर अंगरेजी में छपत रहेला.
Translator
Swarn Kanta