कर्नाटक के अनंजीहुंडी गांव की आदिवासी महिला जयम्मा बेलिया ने कैमरे के ज़रिए जंगल के जीवन का दस्तावेज़ीकरण किया है. आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौक़े पर पारी आपके लिए लेकर आया है एक उत्कृष्ट फ़ोटो निबंध
जयम्मा बेलिया का ताल्लुक़ जेनु कुरुबा आदिवासी समुदाय से है, और वह भारत के प्रमुख बाघ अभयारण्यों में से एक, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान के किनारे स्थित अनंजीहुंडी गांव में रहती हैं. जीविका के लिए वह घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती हैं.
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Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।