हम-अब-अकेले-हैं

Hyderabad, Telangana

Oct 31, 2017

‘हम अब अकेले हैं...’

ओडिशा के बोलानगीर ज़िला के वृद्ध पिछड़े किसान, धरुवा, हैदराबाद में ईंट के एक भट्ठे में काम करने के लिए आए थे। जी तोड़ मेहनत के कारण वह अपने घर लौटना चाहते थे, लेकन भट्ठा मालिकों ने उन्हें जाने से मना कर दिया

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Author

Purusottam Thakur

पुरुषोत्तम ठाकुर, साल 2015 के पारी फ़ेलो रह चुके हैं. वह एक पत्रकार व डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर हैं और फ़िलहाल अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के लिए काम करते हैं और सामाजिक बदलावों से जुड़ी स्टोरी लिखते हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।