सुख-के-दिन-अब-सुरता-बन-गे

West Kameng, Arunachal Pradesh

Dec 04, 2022

‘सुख के दिन अब सुरता बन गे’

अरुणाचल प्रदेश मं उदती हिमालय के ऊंच पहाड़ मं रहेइय्या घुमंतू ब्रोकपा समाज, बदलत मऊसम के सामना करत हवय अऊ अपन पुरखा ले मिले गियान के मुताबिक ओकर ले लड़े सेती तरीका अपनावत हवंय

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Reporter

Ritayan Mukherjee

रितायन मुखर्जी कोलकाता के एक फ़ोटोग्राफ़र आय अऊ 2016 के पारी के फेलो आय. वो हा एक ठन लम्बा प्रोजेक्ट ऊपर काम करत हवय, जेन ह तिब्बती पठार मन के ख़ानाबदोश चरवाहा समाज के जिनगी के दस्तावेज़ आय.

Editor

P. Sainath

पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक आंय. वो ह दसों साल ले गाँव-देहात के समस्या ला लेके लिखत हवंय अऊ वो ह ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ अऊ ‘द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम’ नांव के किताब घलो लिखे हवंय.

Series Editors

P. Sainath

पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक आंय. वो ह दसों साल ले गाँव-देहात के समस्या ला लेके लिखत हवंय अऊ वो ह ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ अऊ ‘द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम’ नांव के किताब घलो लिखे हवंय.

Series Editors

Sharmila Joshi

शर्मिला जोशी ह पारी (पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया) के पूर्व कार्यकारी संपादक, लेखिका अऊ सामयिक शिक्षिका आय.

Translator

Nirmal Kumar Sahu

निर्मल कुमार साहू पारी के छत्तीसगढ़ी अनुवाद संपादक आंय. पत्रकार अऊ अनुवादक के रूप मं वो ह छत्तीसगढ़ी अऊ हिंदी दूनों भाखा मं काम करत हवंय. निर्मल ला छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाचार पत्र मन मं तीन दसक के अनुभव हवय अऊ वो ह ये बखत देशडिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक हवंय.