मैं-अपने-गांव-में-खुल-कर-हंस-सकती-थी

Mumbai, Maharashtra

May 10, 2018

‘मैं अपने गांव में, खुल कर हंस सकती थी’

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से मुंबई आने वाली ऐनुल शेख की कहानी, एक ऐसे दृढ़ व्यक्ति की कहानी है जिसने अपने बच्चों को गरिमा के साथ पालने के लिए गरीबी, दुर्व्यवहार और सड़कों पर जीवन व्यतीत करते काफी कठिनाइयां झेलीं

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Author

Sharmila Joshi

शर्मिला जोशी, पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए बतौर कार्यकारी संपादक काम कर चुकी हैं. वह एक लेखक व रिसर्चर हैं और कई दफ़ा शिक्षक की भूमिका में भी होती हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।