मुझे-नहीं-लगता-कि-मैं-एक-शिक्षक-हूं

Ahmednagar, Maharashtra

Mar 16, 2020

‘लगता ही नहीं कि मैं एक शिक्षक हूं’

महाराष्ट्र के ज़िला परिषद स्कूलों के शिक्षक गैर-शैक्षणिक कार्यों के बोझ तले इतना दबे हुए हैं कि उन्हें पढ़ाने का समय ही नहीं मिलता

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Author

Parth M.N.

पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.

Editor

Sharmila Joshi

शर्मिला जोशी, पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए बतौर कार्यकारी संपादक काम कर चुकी हैं. वह एक लेखक व रिसर्चर हैं और कई दफ़ा शिक्षक की भूमिका में भी होती हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।