जैती-के-अंतिम-रिंगल-बुनकर

Pithoragarh, Uttarakhand

Jun 23, 2018

जैती के अंतिम रिंगल बुनकर

उत्तराखंड के देहात में बांस के सामान बनाने वाले नैन राम बजेला कहते हैं कि उनके काम में किसी अन्य कला की तरह ही धैर्य की ज़रूरत पड़ती है। लेकिन कम आमदनी और राज्य से समर्थन की कमी के कारण, उनके बेटे दूसरे काम करने लगे हैं

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Author

Arpita Chakrabarty

अर्पिता चक्रवर्ती, कुमाऊं स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं और साल 2017 की पारी फ़ेलो हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।