छत्तीसगढ़ के आदिवासी जो काफी समय पहले कृषि मजदूरी का काम करने आंध्र प्रदेश चले गए थे, या फिर नक्सली हिंसा के कारण सीमा पार जाने पर मजबूर हुए थे, अब लौटने लगे हैं। लेकिन उनमें से अधिकांश अब अपने नए घरों में रह रहे हैं, जहां वे खुद को सुरक्षित मानते हैं, हालांकि यहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है और सरकारी रिकॉर्ड में उनके नाम की वर्तनी गलत लिख दी गई है
पुरुषोत्तम ठाकुर, साल 2015 के पारी फ़ेलो रह चुके हैं. वह एक पत्रकार व डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर हैं और फ़िलहाल अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के लिए काम करते हैं और सामाजिक बदलावों से जुड़ी स्टोरी लिखते हैं.
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Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।