ओडिशा के गंजम से लाखों प्रवासी श्रमिक, जो देश की पॉलिएस्टर राजधानी, सूरत में पावरलूम चलाते हैं, हर दिन गंभीर चोटों और आकस्मिक मौतों जैसा जोखिम उठाते हैं। फिर भी, काम की होड़ में इसे छोड़ने को तैयार नहीं
रीतिका रेवथी सुब्रमण्यम मुंबई स्थित पत्रकार और शोधकर्ता हैं। वह पश्चिमी भारत में अनौपचारिक क्षेत्र में मज़दूरों के पलायन पर काम कर रहे एनजीओ, आजीविका ब्यूरो के साथ एक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम कर रही हैं
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Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।